Popular Bhagwad Gita Shalok that will effectively change your life forever

Bhagwad Gita Slokas                                                                            
यो न हृष्यति न द्वेष्टि न शोचति न काङ्‍क्षति।
शुभाशुभपरित्यागी भक्तिमान्यः स मे प्रियः॥12.17॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Yo na hrishyati na dveshti na shochti na kankshti
Shubhashubha-parityagi bhaktimanyah sa me priyah

भावार्थ (Means in Hindi):
जो न कभी हर्षित होता है, न द्वेष करता है, न शोक करता है, न कामना करता है तथा जो शुभ और अशुभ सम्पूर्ण कर्मों का त्यागी है- वह भक्तियुक्त पुरुष मुझको प्रिय है ।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in english
One who rejoices not,dislikes not,grieves not,and desires not
Impartial to bothwhat is auspicious and inauspicious engaged in devotional service such a one is very dear to me.

Bhagwad Gita Slokas
न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्‌ ।
कार्यते ह्यवशः कर्म सर्वः प्रकृतिजैर्गुणैः॥Chapter3 Verse5॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Na hi kaschit-ksanamapi jatu tishtati-akarmakrit
Karyate hyavasah karma sarvah prakarti-jair gunaih

भावार्थ (Meaning in Hindi):
निःसंदेह कोई भी मनुष्य किसी भी काल में क्षणमात्र भी बिना कर्म किए नहीं रहता क्योंकि सारा मनुष्य समुदाय प्रकृति जनित गुणों द्वारा परवश हुआ कर्म करने के लिए बाध्य किया जाता है ।

English Translation of Bhagwad Gita Slokas
One can not remain without engaging in activity at any time ,even for a moment ; all living entities are helplessly compelled to action by the qualities endowed by material nature.

Bhagwad Gita Slokas
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः ।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते ॥Chapter 3Verse 21॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Yad-yad-acharti Sresthas-tat-tad-evetaro janah
Sa yat-pramanam kurute loakas-tad-anuvartate.

 भावार्थ (Meaning inHindi):
श्रेष्ठ पुरुष जो-जो आचरण करता है, अन्य पुरुष भी वैसा-वैसा ही आचरण करते हैं। वह जो कुछ प्रमाण कर देता है, समस्त मनुष्य-समुदाय उसी के अनुसार बरतने लग जाता है

English Translation of Bhagwad Gita Slokas
Whichever and However a great personality conduct himself common men do also,whatever he accept as authority that and that alone certainly all the world will follow.

Bhagwad Gita Slokas
कस्माच्च ते न नमेरन्महात्मन्‌ गरीयसे ब्रह्मणोऽप्यादिकर्त्रे।
अनन्त देवेश जगन्निवास त्वमक्षरं सदसत्तत्परं यत्‌ ॥Chapter 11 Verse 37॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Kasmacchte na nameran-mahatman gariyase brahmano-apy-adi-kartre
ananta devesh jagan-nivasa tvam-aksaram sad-asat-tat-pram yat

 भावार्थ (Meaning in Hindi):
हे महात्मन्‌! ब्रह्मा के भी आदिकर्ता और सबसे बड़े आपके लिए वे कैसे नमस्कार न करें क्योंकि हे अनन्त! हे देवेश! हे जगन्निवास! जो सत्‌, असत्‌ और उनसे परे अक्षर अर्थात सच्चिदानन्दघन ब्रह्म है, वह आप ही हैं।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in english
Why should they not offer respects unto you, O greatest of all; original creator Brahma.O infinite one! O lord of all Gods ! O refuge of theUniverse and the most worshipable; you are indestructible, the Manifest and unmanifest ; yet transcendental to them.

Bhagwad Gita Slaokas
कर्मेन्द्रियाणि संयम्य य आस्ते मनसा स्मरन्‌ ।
इन्द्रियार्थान्विमूढात्मा मिथ्याचारः स उच्यते ॥ Chapter 3Verse 6॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Karmendriyani samyamya ya aste manasa smaran
Indriyarthan-vimudhatma mithyacharah sa uchyate

भावार्थ( Meaning in Hindi) :
जो मूढ़ बुद्धि मनुष्य समस्त इन्द्रियों को हठपूर्वक ऊपर से रोककर मन से उन इन्द्रियों के विषयों का चिन्तन करता रहता है, वह मिथ्याचारी अर्थात दम्भी कहा जाता है ।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in english
Anyone who having controlled the five working sense organs remains thinking withing the mind about sense objects, that foolish being is known as a hypocrite.

Bhagwad Gita Slaokas
यो मामजमनादिं च वेत्ति लोकमहेश्वरम्‌ ।
असम्मूढः स मर्त्येषु सर्वपापैः प्रमुच्यते ॥ Chapter 10 Verse 3॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Yo mam-ajam-anadin cha vetti loka-mahesvaram
asammudhah sa martyeshu sarva-papaih pramuchyate

भावार्थ ( Meaning in Hindi):
जो मुझको अजन्मा अर्थात्‌ वास्तव में जन्मरहित, अनादि (अनादि उसको कहते हैं जो आदि रहित हो एवं सबका कारण हो) और लोकों का महान्‌ ईश्वर तत्त्व से जानता है, वह मनुष्यों में ज्ञानवान्‌ पुरुष संपूर्ण पापों से मुक्त हो जाता है ।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in english
One who knows me as birthless, beginningless, and the supreme controller of all the worlds; he being undeluded among  mortals is delivered from all sins.

Bhagwad Gita Slokas
न कर्मणामनारंभान्नैष्कर्म्यं पुरुषोऽश्नुते ।
न च सन्न्यसनादेव सिद्धिं समधिगच्छति ॥ Chapter 3 Verse 4॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Na Karmanam-anarambhan-naikarmyam Puruso-snute
Na cha sannyasanadeva siddhim samadhi-gacchyati

 भावार्थ(Meaning inHindi) :
मनुष्य न तो कर्मों का आरंभ किए बिना निष्कर्मता (जिस अवस्था को प्राप्त हुए पुरुष के कर्म अकर्म हो जाते हैं अर्थात फल उत्पन्न नहीं कर सकते, उस अवस्था का नाम 'निष्कर्मता' है । को यानी योगनिष्ठा को प्राप्त होता है और न कर्मों के केवल त्यागमात्र से सिद्धि यानी सांख्यनिष्ठा को ही प्राप्त होता है ।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in english
A person can never achieve freedomfro reactions to activities without first performing prescribed vedic duties;neither can perfection be attained by renouncing them as well.

Bhagwad Gita Slokas
एतां विभूतिं योगं च मम यो वेत्ति तत्त्वतः ।
सोऽविकम्पेन योगेन युज्यते नात्र संशयः ॥Chapter10Verse 7॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Etam Vibhutim yogam cha mama yo vetti tattvatah
So-vikalpena yogen yujyate natra sanshayah

 भावार्थ (Meaning inHindi):
जो पुरुष मेरी इस परमैश्वर्यरूप विभूति को और योगशक्ति को तत्त्व से जानता है (जो कुछ दृश्यमात्र संसार है वह सब भगवान की माया है और एक वासुदेव भगवान ही सर्वत्र परिपूर्ण है, यह जानना ही तत्व से जानना है), वह निश्चल भक्तियोग से युक्त हो जाता है- इसमें कुछ भी संशय नहीं है ।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in English
One knows in the truth this almighty majestic supremacy of mine and the science of uniting the individual conciousness with the ultimate conciousness ;such a person engaging without doubtness ,perfect the science of uniting the individual conciousness with the ultimate conciousness , undoubtedly in the matters.

Bhagwad Gita Slokas
अन्नाद्भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसम्भवः । यज्ञाद्भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्मसमुद्भवः ॥ कर्म ब्रह्मोद्भवं विद्धि ब्रह्माक्षरसमुद्भवम्‌ । तस्मात्सर्वगतं ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठितम्‌ ॥ Chapter 3 Verse 14-15॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Annad-bhavanti bhutani parjanyadanna-sambhavah | yajnad-bhavati parjanyo yajyah karma-samudbhavah || Karma Brahmod-bhavam viddhi brahmakshara-samudbhavam | tasmat-sarva-gatam nityam yajye  pratisthitam ||

 भावार्थ (Meaning in Hindi):
सम्पूर्ण प्राणी अन्न से उत्पन्न होते हैं, अन्न की उत्पत्ति वृष्टि से होती है, वृष्टि यज्ञ से होती है और यज्ञ विहित कर्मों से उत्पन्न होने वाला है। कर्मसमुदाय को तू वेद से उत्पन्न और वेद को अविनाशी परमात्मा से उत्पन्न हुआ जान। इससे सिद्ध होता है कि सर्वव्यापी परम अक्षर परमात्मा सदा ही यज्ञ में प्रतिष्ठित है ।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in English
Alive Entities comes into being from the food, food is prodeced due to rainfall, rainfalloccurs from performance of sacrifice unto the supreme God, the performance of sacrifice unto the the supreme God originate from prescribed Vedic Activities.One should understand that action originate from the Ved , Ved directly orinitate from the Supreme God ; therfore all prevading ultimate truth is established eternally in performing the sacrifice unto the supreme God.

Bhagwad Gita Slokas
बुद्धिर्ज्ञानमसम्मोहः क्षमा सत्यं दमः शमः । सुखं दुःखं भवोऽभावो भयं चाभयमेव च ॥ अहिंसा समता तुष्टिस्तपो दानं यशोऽयशः । भवन्ति भावा भूतानां मत्त एव पृथग्विधाः ॥Chapter10. Verse 4-5॥

Transliteration of Bhagwad Gita Slokas
Buddhir-jyanam-asammohah kshma satyam damah shamah | sukham duh-kham bhavo-abhavo bhayam cha-abhyam-eva cha || Ahimsa samata tushtisatpo danam yasho-ayasah | bhavanti bhava bhutanam matta eva prithag-vidhah ||

 भावार्थ( Meaning in Hindi ):
निश्चय करने की शक्ति, यथार्थ ज्ञान, असम्मूढ़ता(freedom from false perception), क्षमा, सत्य, इंद्रियों का वश में करना, मन का निग्रह तथा सुख-दुःख, उत्पत्ति-प्रलय और भय-अभय तथा अहिंसा, समता, संतोष तप (स्वधर्म के आचरण से इंद्रियादि को तपाकर शुद्ध करने का नाम तप है), दान, कीर्ति और अपकीर्ति- ऐसे ये प्राणियों के नाना प्रकार के भाव मुझसे ही होते हैं ।

Translation of Bhagwad Gita Slokas in English
Inteleigence,knowledge, freedom from false perception,compassion,truthfullness,control of the sense ,control of the mind , happiness- unhappiness , birth-death, fear-fearlessness,nonviolence, equilness, Contentment, austerity,charity, fame-infame; all these diverse qualities of all living  creatures originate from me alone.

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