Posts

The Story of Shantanu and Bhisma

शांतनु जिसका पिछले जन्म में  नाम महाभिषक था। महाभिषक  ने अपने आप को सिद्धस्त मनुष्य साबित करके ख्याति प्राप्त की और इंद्रलोक में उनको आमंत्रित किया गया और वो वहाँ चले गए थे। जब वह इंद्र दरबार में अपने स्थान पर बैठे थे, तभी देवी गंगा वहां आईं और देवी गंगा  पल भर के लिए बेखबर हुईं तो उनका पल्लू गिर गया और अनजाने में उनके शरीर का ऊपरी भाग नग्न हो गया। इन्द्रलोक की आचार संहिता के अनुसार  सभी व्यक्तियों  ने अपनी आंखें नीची कर लीं, लेकिन महाभिषक  देवी गंगा को घुरते रहे।  इस असभ्य आचरण  को देखकर इंद्र क्रोधित हो गए और महाभिषक से कहा, ‘तुम इंद्रलोक में रहने के योग्य नहीं हो। तुम्हें धरती पर वापिस जाना होगा और फिर से मनुष्यरूप में जन्म लेना होगा।’ महाभिषक  द्वारा ऐसा देखने से गंगा को भी प्रशन्ता हुई यह जानकार इन्द्र के क्रोध में ओर वृद्धि हो गई और अब महाभिषक के साथ-साथ गंगा को भी यह आदेश दे दिया गया की वो भी मनुष्य  रूप में पृथ्वी पर निवास करे।  जब तुम लोग अपनी सज्ज़ा से मुक्त हो जाओगे तो तुम फिर से इंद्रलोक आ सकते हो। शांतनु...